मैं दामिनी.. खत्म नहीं हुई अभी
हूँ तुझमें, इसमें, और उसमें भी
हर उस लडकी में
जो इस दुनिया में आयी है
जिसके होने से ही दुनिया
मां का प्यार समझ पाई है
स्त्री का आदर मानवता का आदर
क्यूँ भूल गया इन्सान?
औरत से खिलवाड क्या नहीं है
अपनी ही मां का अपमान?
इन्सानियत का मतलब आज
फिरसे इन्सान को समझाना होगा मुझे
डरना नही.. लडना होगा मुझे
हर एक चुनौती का सामना करना होगा मुझे
उमा हूँ मै.. शक्ती भी हूँ
है मेराही एक रूप दुर्गाभी
अन्याय के सामने डंट के खडी
रौद्ररूपी महाकाली भी
अंधःकार का विनाश कर ज्योत फिरसे जगाऊंगी
आत्मविश्वास पहचान है मेरी.. खुद को सम्मान दिलाऊंगी
.
हूँ तुझमें, इसमें, और उसमें भी
हर उस लडकी में
जो इस दुनिया में आयी है
जिसके होने से ही दुनिया
मां का प्यार समझ पाई है
स्त्री का आदर मानवता का आदर
क्यूँ भूल गया इन्सान?
औरत से खिलवाड क्या नहीं है
अपनी ही मां का अपमान?
इन्सानियत का मतलब आज
फिरसे इन्सान को समझाना होगा मुझे
डरना नही.. लडना होगा मुझे
हर एक चुनौती का सामना करना होगा मुझे
उमा हूँ मै.. शक्ती भी हूँ
है मेराही एक रूप दुर्गाभी
अन्याय के सामने डंट के खडी
रौद्ररूपी महाकाली भी
अंधःकार का विनाश कर ज्योत फिरसे जगाऊंगी
आत्मविश्वास पहचान है मेरी.. खुद को सम्मान दिलाऊंगी
.
1 comment:
छान लिहलंय.
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